Wednesday, May 16, 2007

भाईसाब और बहनजी के बारे में कुछ शब्‍द

भाईसाहब बड़े जिंदादिल इंसान हैं। वे हर कहीं हर वक्‍त नजर आ जाते हैं। यानी जब भी उन्‍हें याद करो वे हाजिर हैं। उनकी भूमिकाएं बदलती रहती हैं। जगहें बदलती रहती हैं। लेकिन वह हर हाल में परिस्थिति से जूझते नजर आते हैं। उनको कभी हताश भाव में नहीं देखा। जैसे उन्‍होंने निष्‍काम भाव साथ लिया हो । जीवन मरण, सुख दुख जीवन के उतार चढ़ाव उन्‍हें विचलित नहीं करते। उनके साथ रहना । उनसे बातें करना। उनके बारे में जानना हमेशा एक रोचक अनुभव रहा है। कोशि करुंगा आपसे बांटता रहूं । वैसे यह आपस की बात है। लेकिन उनके साथ बहन जी भी दिखती हैं। यहां बहन जी का कम जिक्र है लेकिन वे भी कोई कम नहीं हैं। मामला बिल्‍कुल बराबरी का है। तो मिलते हैं अगली बार सब्‍बा खैर....

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